Saturday 8 March 2014

राजपूतों की उत्पत्ति[संपादित करें]

राजपूत वंश की उत्पत्ति के विषय में विद्धानों के दो मत प्रचलित हैं- एक का मानना है कि राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी है, जबकि दूसरे का मानना है कि राजपूतों की उत्पत्ति भारतीय है। 12वीं शताब्दी के बाद के उत्तर भारत के इतिहास को टॉड ने 'राजपूत काल' भी कहा है। कुछ इतिहासकारों ने प्राचीन काल एवं मध्य काल को 'संधि काल' भी कहा है। इस काल के महत्वपूर्ण राजपूत वंशों में राष्ट्रकूट वंश, दहिया वन्श, डांगी वंश, चालुक्य वंश, चौहान वंश,कटहरिय़ा वंश, चन्देल वंश, सैनी, परमार वंश एवं गहड़वाल वंश आदि आते हैं।राजपूत सुध्ध रूप से १००% भारतीय है ,इन्हें राम और कृष्ण के वंस से माना गया है ! , हर्षवर्धन की मृत्यु के उपरान्त जिन महान शक्तियों का उदय हुआ था, उनमें अधिकांश राजपूत वर्ग के अन्तर्गत ही आते थे।ऐजेन्ट टोड ने 12वीं शताब्दी के उत्तर भारत के इतिहास को 'राजपूत काल' भी कहा है। कुछ इतिहासकारों ने प्राचीन काल एवं मध्य काल को 'संधि काल' भी कहा है। इस काल के महत्त्वपूर्ण राजपूत वंशों में राष्ट्रकूट वंश, चालुक्य वंश, चौहान वंश, चंदेल वंश, परमार वंश एवं गहड़वाल वंश आदि आते हैं।
विदेशी उत्पत्ति के समर्थकों में महत्वपूर्ण स्थान 'कर्नल जेम्स टॉड' का है। वे राजपूतों को विदेशी सीथियन जाति की सन्तान मानते हैं। तर्क के समर्थन में टॉड ने दोनों जातियों (राजपूत एवं सीथियन) की सामाजिक एवं धार्मिक स्थिति की समानता की बात कही है। उनके अनुसार दोनों में रहन-सहन, वेश-भूषा की समानता, मांसाहार का प्रचलन, रथ के द्वारा युद्ध को संचालित करना, याज्ञिक अनुष्ठानों का प्रचलन, अस्त्र-शस्त्र की पूजा का प्रचलन आदि से यह प्रतीत होता है कि राजपूत सीथियन के ही वंशज थे।
विलियम क्रुक ने 'कर्नल जेम्स टॉड' के मत का समर्थन किया है। 'वी.ए. स्मिथ' के अनुसार शक तथा कुषाण जैसी विदेशी जातियां भारत आकर यहां के समाज में पूर्णतः घुल-मिल गयीं। इन देशी एवं विदेशी जातियों के मिश्रण से ही राजपूतों की उत्पत्ति हुई।
भारतीय इतिहासकारों में 'ईश्वरी प्रसाद' एवं 'डी.आर. भंडारकर' ने भारतीय समाज में विदेशी मूल के लोगों के सम्मिलित होने को ही राजपूतों की उत्पत्ति का कारण माना है। भण्डारकर, कनिंघम आदि ने इन्हे विदेशी बताया है। । इन तमाम विद्वानों के तर्को के आधार पर निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि, यद्यपि राजपूत क्षत्रियों के वंशज थे, फिर भी उनमें विदेशी रक्त का मिश्रण अवश्य था। अतः वे न तो पूर्णतः विदेशी थे, न तो पूर्णत भारतीय।

सूर्य वन्श की शाखायें:-
१. कछवाह २. राठौड ३. मौर्य ४. सिकरवार ५. सिसोदिया ६.गहलोत ७.गौर ८.गहलबार ९.रेकबार १०. बडगूजर 11.बिष्ट 12.कलहश 13. कटहरिय़ा
चन्द्र वंश की शाखायें:-
1.जादौन 2 भाटी ३ मकवाना [झाला] 5.तन्वर 6 चन्देल 7 .छोंकर 8 होंड 9 पुण्डीर 10.कटैरिया 11´दहिया 12. वैस
अग्नि वन्श की शाखायें:-'
१.परिहार २.सोलंकी ३.चौहान ४.परमार/ पंवार
ऋषिवंश की बारह शाखायें:-
१.सेंगर२.दीक्षित३.दायमा४.गौतम५.अनवार (राजा जनक के वंशज)६.विसेन७.करछुल८.हय९.अबकू तबकू १०.कठोक्स ११.द्लेला १२.बुन्देला चौहान वंश की चौबीस शाखायें:-
१.हाडा २.खींची ३.सोनीगारा ४.पाविया ५.पुरबिया ६.संचौरा ७.मेलवाल८. भदौरिया ९.निर्वाण १०.मलानी ११.धुरा १२.मडरेवा १३.सनीखेची १४.वारेछा १५.पसेरिया १६.बालेछा १७.रूसिया १८.चांदा१९.निकूम २०.भावर २१.छछेरिया २२.उजवानिया २३.देवडा २४.बनकर

राजपूत जातियो की सूची[संपादित करें]

क्रमांकनामगोत्रवंशस्थान और जिला
1सूर्यवंशीकश्यपसूर्यबुलन्दशहर आगरा मेरठ अलीगढ
2कलहशआग्निशकलहशवंशी, सूर्यवंशीप्राचीन राजपूताना और बस्ती बलिया उत्तर प्रदेश, राजस्थान
3गुहिलवन्शी सिसोदियाबैजपायन्,काश्यपसूर्यमहाराणा उदयपुर स्टेट
4कछवाहामानव्य्सूर्यमहाराजा जयपुर और ग्वालियर राज्य
5राठोडकश्यप,सूर्यजोधपुर बीकानेर और पूर्व और मालवा
6सोमवंशीअत्रैयचन्दप्रतापगढ और जिला हरदोई
7यदुवंशीअत्रैयचन्दराजकरौली राजपूताने में
8भाटीअत्रयजादौनमहारजा ज���सलमेर राजपूताना
9जाडेचाअत्रययदुवंशीमहाराजा कच्छ भुज
10जादवाअत्रयजादौन शाखाअवा. कोटला ऊमरगढ आगरा
11तन्वरव्याघ्रचन्दपाटन के राव तंवरघार जिला ग्वालियर
12कटियारव्याघ्रतोंवरधरमपुर का राज और हरदोई
13पालीवारव्याघ्रतोंवरगोरखपुर
14परिहारकौशल्यसूर्यमंडोर (जोधपुर) एवं मध्यप्रदेश
15तखीकौशल्यसूर्य, परिहारपंजाब कांगडा जालंधर जम्मू में
16पंवारवशिष्ठसूर्यमालवा मेवाड धौलपुर पूर्व मे बलिया
17सोलंकीभारद्वाजचन्द्रराजपूताना मालवा सोरों जिला एटा
18चौहानवत्ससूर्यराजपूताना पूर्व और सर्वत्र
19बिष्टभारद्वाजसूर्यवंशीप्राचीन में राजपूताना, यू.पी.
20गुहिलवन्शी गहलोतबैजपायणसूर्यमथुरा कानपुर और पूर्वी जिले
21हाडावत्सचौहानकोटा बूंदी और हाडौती देश
22खींचीवत्सचौहानखींचीवाडा मालवा ग्वालियर
23भदौरियावत्सअग्निवंशनौगंवां पारना आगरा इटावा गालियर भिन्ड और भदावर स्टेट
24देवडावत्सचौहानराजपूताना सिरोही राज
25शम्भरीवत्सचौहाननीमराणा रानी का रायपुर पंजाब
26बच्छगोत्रीवत्सचौहानप्रतापगढ सुल्तानपुर
27राजकुमारवत्सचौहानदियरा कुडवार फ़तेहपुर जिला
28पवैयावत्सचौहानग्वालियर
29गौर,गौडभारद्वाजसूर्यशिवगढ रायबरेली कानपुर लखनऊ
30वैसभारद्वाजचन्द्रउन्नाव रायबरेली मैनपुरी पूर्व में
31गेहरवारकश्यपसूर्यमाडा हरदोई उन्नाव बांदा पूर्व
32सेंगरगौतमब्रह्मक्षत्रियजगम्बनपुर भरेह इटावा जालौन
33कनपुरियाभारद्वाजब्रह्मक्षत्रियपूर्व में राजाअवध के जिलों में हैं
34बिसैनवत्सब्रह्मक्षत्रियगोरखपुर बलिया सलेमपुर देवरिया गोंडा प्रतापगढ में हैं
35निकुम्भवशिष्ठसूर्यगोरखपुर आजमगढ हरदोई जौनपुर
36सिरसेतभारद्वाजसूर्यगाजीपुर बस्ती गोरखपुर
37च्चाराणादहियाचन्दजालोर, सिरोही केर्, घटयालि, साचोर, गढ बावतरा,
38कटहरियावशिष्ठ या भारद्वाजसूर्यनाहिल पुवाय़ाँ खुटार बरेली बंदायूं मुरादाबाद शहाजहांपुर
39वाच्छिलअत्रयवच्छिलचन्द्रमथुरा बुलन्दशहर शाहजहांपुर
40बढगूजरवशिष्ठसूर्यअनूपशहर एटा अलीगढ मैनपुरी मुरादाबाद हिसार गुडगांव जयपुर
41मकवाना ॥ झालामरीच कश्यपचन्द्रधागधरा मेवाड झालावाड कोटा हिनोतिया मालवा
42गौतमगौतमब्रह्मक्षत्रियराजा अर्गल फ़तेहपुर
43रैकवारभारद्वाजसूर्यबहरायच सीतापुर बाराबंकी
44करचुल हैहयकृष्णात्रेयचन्द्रबलिया फ़ैजाबाद अवध
45चन्देलचान्द्रायनचन्द्रवंशीगिद्धौर कानपुर फ़र्रुखाबाद बुन्देलखंड पंजाब गुजरात
46जनवारकौशल्यसोलंकी शाखाबलरामपुर अवध के जिलों में
47बहरेलियाभारद्वाजवैस की गोद सिसोदियारायबरेली बाराबंकी
48दीत्ततकश्यपसूर्यवंश की शाखाउन्नाव बस्ती प्रतापगढ जौनपुर रायबरेली बांदा
49सिलारशौनिकचन्द्रसूरत राजपूतानी
50सिकरवारसांकृतसूर्यग्वालियर आगरा और उत्तरप्रदेश में
51सुरवारगर्गसूर्यकठियावाड में
52सुर्वैयावशिष्ठयदुवंशकाठियावाड
53मौर्यगौतमसूर्यबिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान
54टांक (तत्तक)शौनिकनागवंशमैनपुरी और पंजाब
55गुप्तगार्ग्यचन्द्रअब इस वंश का पता नही है
56कौशिककौशिकचन्द्रबलिया आजमगढ गोरखपुर
57भृगुवंशीभार्गवचन्द्रवनारस बलिया आजमगढ गोरखपुर
58गर्गवंशीगर्गब्रह्मक्षत्रियनृसिंहपुर सुल्तानपुर , मार्टींनगँज आजमगढ
59पडियारिया,देवल,सांकृतसामब्रह्मक्षत्रियराजपूताना
60ननवगकौशल्यचन्द्रजौनपुर जिला
61वनाफ़रपाराशर,कश्यपचन्द्रबुन्देलखन्ड बांदा वनारस
62जैसवारकश्यपयदुवंशीमिर्जापुर एटा मैनपुरी
63नैय्दुवैक्लासूर्यदक्षिण मद्रास तमिलनाडु अन्ध्र कर्नाटक में
64निमवंशीकश्यपसूर्यसंयुक्त प्रांत
65वैनवंशीवैन्यसोमवंशीमिर्जापुर
66दाहिमागार्गेयब्रह्मक्षत्रियकाठियावाड राजपूताना
67पुण्डीरकपिलब्रह्मक्षत्रियपंजाब गुजरात रींवा यू.पी.
68तुलवाआत्रेयचन्द्रराजाविजयनगर
69कटोचकश्यपब्रह्मक्षत्रियराजानादौन कोटकांगडा
70चावडा,पंवार,चोहान,वर्तमान कुमावतवशिष्ठपंवार की शाखामलवा रतलाम उज्जैन गुजरात मेवाड
71अहवनवशिष्ठचावडा,कुमावतखेरी हरदोई सीतापुर बारांबंकी
72डौडियावशिष्ठचौहान शाखागुजरात मेवाड बुलंदशहर मुरादाबाद बांदा गल्वा पंजाब
73गोहिलबैजबापेणगहलोत शाखाकाठियावाड
74बुन्देलाकश्यपगहरवारशाखाबुन्देलखंड के रजवाडे
75काठीकश्यपगहरवारशाखाकाठियावाड झांसी बांदा
76जोहियापाराशरचन्द्रपंजाब देश मे
77गढावंशीकांवायनचन्द्रगढावाडी के लिंगपट्टम में
78मौखरीअत्रयचन्द्रप्राचीन राजवंश था
79लिच्छिवीकश्यपसूर्यप्राचीन राजवंश था
80बाकाटकविष्णुवर्धनसूर्यअब पता नहीं चलता है
81पालकश्यपसूर्ययह वंश सम्पूर्ण भारत में बिखर गया है
82सैनअत्रयब्रह्मक्षत्रिययह वंश भी भारत में बिखर गया है
83कदम्बमान्डग्यब्रह्मक्षत्रियदक्षिण महाराष्ट्र मे हैं
84पोलचभारद्वाजब्रह्मक्षत्रियदक्षिण में मराठा के पास में है
85बाणवंशकश्यपअसुरवंशश्री लंका और दक्षिण भारत में,कैन्या जावा में
86काकुतीयभारद्वाजचन्द्र,प्राचीन सूर्य थाअब पता नही मिलता है
87सुणग वंशभारद्वाजचन्द्र,पाचीन सूर्य थाअब पता नही मिलता है
88दहियाकश्यपराठौड शाखामारवाड में जोधपुर
89जेठवाकश्यपहनुमानवंशीराजधूमली काठियावाड
90मोहिलवत्सचौहान शाखामहाराष्ट्र मे है
91बल्लाभारद्वाजसूर्यकाठियावाड मे मिलते हैं
92डाबीवशिष्ठयदुवंशराजस्थान
93खरवडवशिष्ठयदुवंशमेवाड उदयपुर
94सुकेतभारद्वाजगौड की शाखापंजाब में पहाडी राजा
95पांड्यअत्रयचन्दअब इस वंश का पता नहीं
96पठानियापाराशरवनाफ़रशाखापठानकोट राजा पंजाब
97बमटेलाशांडल्यविसेन शाखाहरदोई फ़र्रुखाबाद
98बारहगैयावत्सचौहानगाजीपुर
99भैंसोलियावत्सचौहानभैंसोल गाग सुल्तानपुर
100चन्दोसियाभारद्वाजवैससुल्तानपुर
101चौपटखम्बकश्यपब्रह्मक्षत्रियजौनपुर
102धाकरेभारद्वाज(भृगु)ब्रह्मक्षत्रियआगरा मथुरा मैनपुरी इटावा हरदोई बुलन्दशहर
103धन्वस्तयमदाग्निब्रह्मक्षत्रियजौनपुर आजमगढ वनारस
104धेकाहाकश्यपपंवार की शाखाभोजपुर शाहाबाद
105दोबर(दोनवर)वत्स या कश्यपब्रह्मक्षत्रियगाजीपुर बलिया आजमगढ गोरखपुर
106हरद्वारभार्गवचन्द्र शाखाआजमगढ
107जायसकश्यपराठौड की शाखारायबरेली मथुरा
108जरोलियाव्याघ्रपदचन्द्रबुलन्दशहर
109जसावतमानव्यकछवाह शाखामथुरा आगरा
110जोतियाना(भुटियाना)कश्यपकछवाह शाखामुजफ़्फ़रनगर मेरठ
109घोडेवाहामानव्यकछवाह शाखालुधियाना होशियारपुर जालन्धर
110कछनियाशान्डिल्यब्रह्मक्षत्रियअवध के जिलों में
111काकनभृगुब्रह्मक्षत्रियगाजीपुर आजमगढ
112कासिबकश्यपकछवाह शाखाशाहजहांपुर
113किनवारकश्यपसेंगर की शाखापूर्व बंगाल और बिहार में
114बरहियागौतमसेंगर की शाखापूर्व बंगाल और बिहार
115लौतमियाभारद्वाजबढगूजर शाखाबलिया गाजी पुर शाहाबाद
116मौनसमानव्यकछवाह शाखामिर्जापुर प्रयाग जौनपुर
117नगबकमानव्यकछवाह शाखाजौनपुर आजमगढ मिर्जापुर
118पलवारव्याघ्रसोमवंशी शाखाआजमगढ फ़ैजाबाद गोरखपुर
119रायजादेपाराशरचन्द्र की शाखापूर्व अवध में
120सिंहेलकश्यपसूर्यआजमगढ परगना मोहम्दाबाद
121तरकडकश्यपदीक्षित शाखाआगरा मथुरा
122तिसहियाकौशल्यपरिहारइलाहाबाद परगना हंडिया
123तिरोताकश्यपतंवर की शाखाआरा शाहाबाद भोजपुर
124उदमतियावत्सब्रह्मक्षत्रियआजमगढ गोरखपुर
125भालेवशिष्ठपंवारअलीगढ
126भालेसुल्तानभारद्वाजवैस की शाखारायबरेली लखनऊ उन्नाव
127जैवारव्याघ्रतंवर की शाखादतिया झांसी बुन्देलखंड
128सरगैयांव्याघ्रसोमवंशहमीरपुर बुन्देलखण्ड
129किसनातिलअत्रयतोमरशाखादतिया बुन्देलखंड
130टडैयाभारद्वाजसोलंकीशाखाझांसी ललितपुर बुन्देलखंड
131खागरअत्रययदुवंश शाखाजालौन हमीरपुर झांसी
132पिपरियाभारद्वाजगौडों की शाखाबुन्देलखंड
133सिरसवारअत्रयचन्द्र शाखाबुन्देलखंड
134खींचरवत्सचौहान शाखाफ़तेहपुर में असौंथड राज्य
135खातीकश्यपदीक्षित शाखाबुन्देलखंड,(राजस्थान में कम संख्या होने के कारण इन्हे बढई गिना जाने लगा)
136आहडियाबैजवापेणगहलोतआजमगढ
137उदावतबैजवापेणगहलोतआजमगढ
138उजैनेवशिष्ठपंवारआरा डुमरिया
139अमेठियाभारद्वाजगौडअमेठी लखनऊ सीतापुर
140दुर्गवंशीकश्यपदीक्षितराजा जौनपुर राजाबाजार
141बिलखरियाकश्यपदीक्षितप्रतापगढ उमरी राजा
142डोगराकश्यपसूर्यकश्मीर राज्य,हिमाचल प्रदेश और बलिया
143निर्वाणवत्सचौहानराजपूताना (राजस्थान)
144जाटूव्याघ्रतोमरराजस्थान,हिसार पंजाब
145नरौनीमानव्यकछवाहाबलिया आरा
146भनवगभारद्वाजकनपुरियाजौनपुर
147गिदवरियावशिष्ठपंवारबिहार मुंगेर भागलपुर
148बघेलकश्यपसूर्यरीवा राज्य में बघेलखंड
149कटारियाभारद्वाजसोलंकीझांसी मालवा बुन्देलखंड
150रजवारवत्सचौहानपूर्व मे बुन्देलखंड
151द्वारव्याघ्रतोमरजालौन झांसी हमीरपुर
152इन्दौरियाव्याघ्रतोमरआगरा मथुरा बुलन्दशहर
153संथवार/सैंथवार-मल्ल(सिंहतवार)वत्स, कश्यप, भारद्वाज,...सूर्य वंश, चन्द्र वंश, नाग वंश (पूर्वज-शाक्य-बौद्ध युगीन प्राचीन क्षत्रिय)गोरखपुर, कुशीनगर (प्राचीन राजवंश था)
154जांगडावत्सचौहानबुलन्दशहर पूर्व में झांसी
155हैहैय्वन्श्नारायण्सूर्यप्राचीन राज वंश,बलिया
156निकुम्भबशिस्थसूर्यजोनपुर, केरक���, अकबपुर
157वाणाकश्यप्सूर्यढांक,तणाजा,वलभिपुर,वणा
158राठोडशान्डिल्यसूर्यसीतामढ़ी(बिहार),हाजीपुर,मारवाड़
159छोकरअत्रययदुवंशअलीगढ मथुरा बुलन्दशहर
160सवनेरव्याघ्रपदीसोमवंश-शाखाचन्द्रवंश (तंवर,तोमर की शाखा)निमाड़ (खंडवा,खरगोन,बडवानी,हरदा जिला )
161बिष्टशान्डिल्यसूर्यवंशीप्राचीन राजपूताना और यू.पी